आत्मा की अदृश्य यात्रा
मंत्र जैसे धुएं के समान अनगिनत रूप से विस्तारित हो जाती हैं। उनका रास्ता हमेशा देखने को मिलता नहीं है, परंतु उनकी प्रभाव अदृश्य ही सा
मंत्र जैसे धुएं के समान अनगिनत रूप से विस्तारित हो जाती हैं। उनका रास्ता हमेशा देखने को मिलता नहीं है, परंतु उनकी प्रभाव अदृश्य ही सा